गुस्ताखियाँ………
आज फिर आकर ख्वाबो में जगाया आपने
आज फिर से हमे जी भर के सताया आपने
बाज आ जाओ अपनी इन गुस्ताखियों से वरना
फिर इल्जाम न देना किस जंजाल में फंसाया आपने…..!!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
गुस्ताखियाँ………
आज फिर आकर ख्वाबो में जगाया आपने
आज फिर से हमे जी भर के सताया आपने
बाज आ जाओ अपनी इन गुस्ताखियों से वरना
फिर इल्जाम न देना किस जंजाल में फंसाया आपने…..!!
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डी. के. निवातियाँ [email protected]
bahut hi khubsurat nivatiya ji ..
बहुत बहुत धन्यवाद ओमेंद्र जी …..!!
अति सुंदर निवातियाँ जी…………..
बहुत बहुत धन्यवाद शिशिर जी …….!!
प्यार में गुस्ताखी उसपे धमकी का अंदाज़….अनुपम…
अनेको धन्यवाद बब्बू जी …………!!
मोहब्बत के जंजाल से कोई नहीं बच पाया ………………….. बहुत खूब निवातियाँ जी !!
सत्य कहा आपने.. कोई बचा भी नहीं और खुदा की इस नियामत से कोई बचना भी नहीं चाहिए …….बहुत बहुत धन्यवाद सर्वजीत जी !!
अदभुत…………..
तारीफ के लिए धन्यवाद मनोज ………..!!
बहुत ही सुंदर सृजन , वाह्ह
बहुत बहुत धन्यवाद अनमोल ………..!!
बिलकुल ही सजिव रचना….अती सुंदर
Thanks Shyam……….!