कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!लूट खसोट कर अमीर बन गए वोजो दिन-रात करते करतूते काली !मंदिर में बैठकर करते पूजा आरतीदर पे बैठे भिखारी को बकते गाली !!कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!निर्धन को वो श्वान सा दुत्कारेधनवानों से करते है प्रेम अपार !जुल्म और अन्याय उनका धर्मबन बैठे है वही धर्म के ठेकेदार !!कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!प्रजातन्त्र के मुखोटे छुपा राजतंत्रनित नित जनमानष को रहा लूट !जात -धर्म में सबको बाँट रहा जोउनको ही अंधे भक्त दे रहे सैल्यूट !!कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!नारी शक्ति के जो देते है नारेकर रहे वही नारी का अपमान !विलायती जीवन स्वयं है जीतेस्वदेशी का वो बाँट रहे है ज्ञान !!कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!जो जितना अधिक ढोंगी पाखंडीजनता में उसका बढ़ता गुणगान !जो सत्य कर्म की राह अपनायेगाउसकी स्वंय परीक्षा लेते भगवान !!कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!कितना भो कोई जाल रचेनिर्णय सबका यही हो जाना है !अपने अच्छे बुरे कर्मो का फलहर इंसान को यहीं भुगत कर जाना है !!कितनी भी दिखा ले शक्ति कलयुग में, वो चाहे बने कितने महान ! इनके चेहरे को उजागर करके, बेनकाब कर जायंगे स्वयं भगवान !! !!!रचनाकार ::— डी के निवातिया
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Marvelous write. Sattire has come our so very well and so realistically that i am speechless. Only one observation as a part of experience. Karmo kaa fal yadi is jam me nahin to sanchir karmo ke roop me agle janm me milegaa kyonki isiliye koi achche ghar me paidaa hota hai or koi muflisi me.
Appki amuly pratikriya ke liye tahdil se shukriya SHISHIR Ji.
bhut khoob njvariya ji………………….
Than u Very MUCH MADHU JI……………….!
Bahut khubsurat rachana Nivatiya ji . yathaarth ka bhaut sudhar ankan kiya hai aapne .
Than u Very MUCH MEENA JI…………………..
Kya baat hai…….. Bahut hi lajwaab
Than u Very MUCH KAJAL JI…………
Sir….maine pahle padhi hai or shayad comments bhi diye the…….behtareen kataaksh hai….ek or laajwaab peshkash…laajwaab kalam ki…..
Thanks BABBU Ji………………..!!