तमन्ना
तेरे बिन जीने की …………………
अब कोई तमन्ना ही नहीं
क्योंकि तेरी बेवफाई ने कर दिया
क़त्ल मेरे अरमानों का ……………..
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
तमन्ना
तेरे बिन जीने की …………………
अब कोई तमन्ना ही नहीं
क्योंकि तेरी बेवफाई ने कर दिया
क़त्ल मेरे अरमानों का ……………..
शायर : सर्वजीत सिंह
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सर्वजीत दर्द की इंतहा दिखाई पड़ती है इस रचना में
बिल्कुल ठीक कहा आपने …………………. बहुत बहुत धन्यवाद मधुकर जी !!
लाजबाब ………..उम्दा ….सर्वजीत जी !
उत्साहवर्दक प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ जी !!