अजीब इत्तेफाक है तुम हो पर तुम नही
अजीब इत्तेफाक है हम भी गर्दिशे गम नही
व्यान हो रहीं है गुफ्तगु तेरी मेरी आज भी
अर्जदार एक-दूजे के हम नही, तुम नही
दो पल देखकर अब न नजरे दोहराईऐ
वो जो तू था वो जो मै था वो अब हम नही
ये मोड़ कई रात तक मेरा पीछा न छोड़ेगा
कि तेरी नजरो का असर अब भी कम नही
बहुत सुन्दर…..
अतिसुन्दर भावाव्यक्ति ………….
अति सुन्दर ……………..!!
Nice lines……
आप सभी का धन्यवाद…………….