*****हसीन पल*****
कितना हसीन वो पल था
आज से अच्छा वो कल था
कितना हसीन वो पल था
आज से अच्छा वो कल था!
पड़े जैसे ही कदम आपके
एक ख़ामोशी सी छा गई
सब उठ खड़े थे कि
जान मेरी आ गई
सोच सोच कर ये आँखे हो गई थी नम
की प्यार मेरा नहीं किसी से कम
क्यों लम्बी खिंच गई बात वो ईतनी
जिसका सिंपल सा हल था
कितना हसीन वो पल था
आज से अच्छा वो कल था!
लाइट पिंक टॉप विद जीन
कैसे लफ्जो में बयां करूं
क्या था वो सीन
लग रही थीं आप ईतनी प्यारी
सारी सारी दुनियाँ से न्यारी
सोच रहा हूँ क्या वो पल था
आज से अच्छा वो कल था!
प्यारी प्यारी गालों पे लगाके हाथ
आप जब बैठी थीं
जैसे अत्त सी पिक के लिए रेडी थी
वो आदत थी आपकी या पोज था
जैसे खिल रहा पिंक रोज था
मुझको भा गया
सच में एक नशा सा छा गया
तब भी मैं अपनी बात पर अटल था
क्या हसीन वो पल था
आज से अच्छा तो कल था!
स्टेज पर पड़े कदम जैसे ही आपके तो यार सच में
क़यामत सी छा गई थी
जान मेरी तड़प रही थी
फिर भी चेहरे पर थोड़ी हँसी आ गई थी
थम गई थी साँसे
टपक पड़े थे आँसू
तालियों से मस्ती सी छा गई थी
लग रहा था जैसे खिला कमल था
आज से अच्छा तो कल था!
मुखड़े पे थी जो हल्की सी मुस्कान
लग रहा था जैसे ले न ले मेरी जान
टेडी की दीवानी
तूने मेरे दिल की बात क्यों नहीं जानी
क्या इतनी बोर्रिंग थी मेरी कहानी
क्या हसीन वो पल था
आप संग गुजरा जो कल था
क्यों बीत गयी बात वो यूँ ही
जिसका सिंपल सा हल था
कितना हसीन वो पल था
आज से अच्छा तो कल था
आज से अच्छा तो कल था!………..
$ विक्रम वर्मा “चंचल” $
wah ji wah apke palon m to hum dub hi gaye chanchal ji wo pal humare bhi apne yad karva diye jawani k
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी