है चंदा जैसा मुखड़ा सनम तेरा सनम तेरा |
है चाँदी जैसा सुन्दर ये तन तेरा तन तेरा ||
करना लगे प्यारा तेरा आलिंगन |
चंचल है अदायें तड़पाता यौवन ||
करता है नशा होले मदिरा जैसा |
खिलता रहे फूलों जैसा मन तेरा ||
है चंदा जैसा मुखड़ा सनम तेरा सनम तेरा |
है चाँदी जैसा सुन्दर ये तन तेरा तन तेरा ||
होठों पे मुस्कान बड़ी प्यारी है |
मनचली शर्मीली जान हमारी है ||
तेरी तिरछी नजर लवलव कहती है |
साजन की तस्वीर दिल में रहती है ||
है चंदा जैसा मुखड़ा सनम तेरा सनम तेरा |
है चाँदी जैसा सुन्दर ये तन तेरा तन तेरा ||
पतली कमर जब बल खाये |
दिल धड़कन बढ़ बढ़ जाये ||
तुमने मुड़कर जब पीछे देखा |
ऐसा लगा चाँद जमीं पे आया ||
“मनोज कुमार”
nice one……………….!!