लव स्कैम
तेरी इन निगाहों ने लाखों मार डाले
मिट गए इन अदाओं पे लाखों ही दिल वाले
लाखों हुए दीवाने तेरे लाखों हैं बेचैन
फिर भी तेरे हुस्न को ना किया किसी ने बैन
ये तो है ………… लव स्कैम
ये तो है …..है…..है लव स्कैम
जहाँ-जहाँ से तू निकले छा जाए मस्ती
वीरानों में बस जाये दिल वालों की बस्ती
हर दिल तेरा आशिक़ है हर दिल तेरा फैन
फिर भी तेरे हुस्न को ना किया किसी ने बैन
ये तो है ………… लव स्कैम
ये तो है …..है…..है लव स्कैम
तू ही हीर, तू ही जुलियट, तू ही तो है लैला
सारे तेरे पीछे रांझा, रोमियो, मजनू, छैला
तू इन सबके नैनों से लड़ाती जाए नैन
फिर भी तेरे हुस्न को ना किया किसी ने बैन
ये तो है ………… लव स्कैम
ये तो है …..है…..है लव स्कैम
लाखों दिलों की धड़कन तू लाखों दिलों की जान
तेरी हंसी, तेरी नजाकत है मौत का सामान
तुझको जो देख ले फिर पाये ना इक पल चैन
फिर भी तेरे हुस्न को ना किया किसी ने बैन
ये तो है ………… लव स्कैम
ये तो है …..है…..है लव स्कैम
लेखक : सर्वजीत सिंह
सर्वजीत यह हल्की फुल्की गुदगुदाहट भरी प्रेम रचना किसी उपयुक्त मौके पर हास्य के लिए गाने हेतु उपयुक्त है. लय बहुत सूंदर है
बिलकुल ठीक फरमाया सर आपने, बहुत बहुत धन्यवाद मधुकर जी !
बहुत खूब सर्वजीत जी गीत के माध्यम से लव स्कैम की विस्तृत व्याख्या कर दी आपने !!
बस बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ जी ! दुनिया में बहुत से स्कैम होते हैं पर मैंने सोचा की लव स्कैम पर भी ध्यान देना चाहिए !