गुनाह
हुस्न को देख कर …………..
इक गुनाह करने का दिल करता है
के सजदा कर लूँ में उसको ………..
खुदा की हर इबादत से पहले
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
गुनाह
हुस्न को देख कर …………..
इक गुनाह करने का दिल करता है
के सजदा कर लूँ में उसको ………..
खुदा की हर इबादत से पहले
शायर : सर्वजीत सिंह
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बहुत दिलकश रचना लिखी है आपने सर्वजीत जी।
बहुत बहुत धन्यवाद कृष्ण सैनी साहब !
nice one……………..Sarvjit Ji !!
Thank you very much Nivatiyan Ji.