हर रोज़ सबक सिखाती है ये दुनिया
सताए हुए को और सताती है ये दुनिया
तू सिर्फ अपना फ़र्ज़ निभाए जा
वरना कहाँ अपना फ़र्ज़ निभाती है ये दुनिया
क्यों दिल लगा कर बैठे हो इस जहाँ में
सिर्फ झूठा प्यार जताती है ये दुनिया
चुप रहना ही अपना मुकद्दर समझो
नहीं तो एक की चार सुनाती है ये दुनिया
उम्मीद का दामन छोड़ दे ऐ दिल
सिर्फ झूठे ख्वाब दिखाती है ये दुनिया
माना कि तेरा दिल पाक साफ है
सफ़ेद चादर पर दाग लगाती है ये दुनिया
अपनी मुसीबतों से खुद ही लड़ेगा तू
सिर्फ अपनी राह के कांटे हटाती है ये दुनिया
कतरा कतरा मर जायेगा यहाँ पर
सिर्फ शमशान तक पहुंचाती है ये दुनिया
हितेश कुमार शर्मा
कड़वे सच को कहने का सूंदर प्रयास
अति सुन्दर ……………………!!
आपका बहुत बहुत शुक्रिया