जो कभी हेल्लो था आज hi! है ।
अच्छा चलता हूँ ‘ओके बाय’ है ।
कल तक जो खूबसूरत थी आज ‘हॉट’ है ।
नहीं का मतलब अब baby absolutely not है ।।
ख़त में जो लिखते थे वो प्यार था
आज whatsapp का वो l u v है
ऐ मेरे राजकुमार तेरे तो love में भी एक अक्षर कम है।।
बुखार से जादा जल्दी जो चढ़ता है ।
रातों को सबसे जादा मचलता है ।।
जिन्हें लिखते है ‘i luv u from d deepesst core’।
झट से वो बन जाता है ‘its not working anymore’।।
कभी club कभी pub ।
खरचे है हजार ।
पढ़ने लिखने में हो zero ।
पर मांगे लम्बी वाली कार।।
गर्लफ्रेंड को घूमाना है।
सिनेमा भी दिखाना है ।।
थोडा सा कम सड़ना ।
डैड ज़रा थोडी जेब ढीली करना ।
माँ का आशीर्वाद भी अब सेलफियों से जाता है ।
100 जोड़ी कपडों से क्या पहने समझ न इन्हें आता है ।।
कटे फाटे से कपडे इनके ‘fashion sense’ कहलाये
ज़िन्दगी का मत पूछो बाकी सब ‘fit’ हैं ‘boss’ बतलाये ।।
क्या होगा इनका क्या जाने?
जैसे भी है पर सभी सही गलत को पहचाने ।।
अपने हक़ की लड़ाई को फ़र्ज़ है समझते ।
आज कल की नए बचे नई सोच है रखते ।।
सूंदर हास्य व्यंग रचना.
धन्यवाद शिशिर जी।
बदलते परिवेश की झलक दिखने की अच्छी कोशिश !!
कोशिश पसन्द आयी जान कर अच्छा लगा।
धन्यवाद् shishir जी
प्रतिक्रिया के लिए अभिनंदन निवतियाँ जी।
लोग कहते है गुस्से से इंसान शेहद तक नहीं बेच सकता और हँसी से जेहर तक के खरीदार मिल जाते है।