लाचार औरत
आँचल गिला हुआ दूध से
कर रही हूँ मैं पुकार।
मुझे मत मारो मेरे प्रियतम
क्या मैं नही तुम्हारी नार।
जिस दिन से आई यहाँ मैं
सुख से सांस मिली नही
मिला दोष हमेशा मुझको
गलती जबकि कोई न थी
तुम तो मेरे प्राणनाथ हो
करो मुझसे तुम तो प्यार।
आँचल गिला हुआ दूध से
कर रही हूँ मैं पुकार।
माना गलती ये है मेरी
लाई नही धन घर से मैं
गरीब बाप है जो मेरा
फि र लाती कहाँ से धन मैं
दो वक्त की रोटी जुटाना
बना है उसके लिए दुस्वार।
आँचल गिला हुआ दूध से
कर रही हूँ मैं पुकार।
nice script but may go more deeper