उनकी ख़ामोशी कुछ कहती है जिसका हमें पता नहीं,
दिल-ए-बेताबियाँ है इतनी की कुछ समज आता नहीं,
उनकी झील सी आँखो की गहराई में इस कदर डूब गए है हम,
कि कुछ और दिखाई पड़ता नहीं,
लेकिन आज उनके होठों की मुस्कान कुछ बया कर रही है,
शायद हमसे मोहब्बत हो गई है उनको जिसका हमें पता नहीं।
Nicely written…………….
आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद शिशिर जी…….