ग़म के बादल
ग़म के बादल ………….
इस क़दर छाये हैं ज़िन्दगी पर
जो हाथ थाम ले ………..
ऐसा कोई खुदा नहीं मिलता
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
ग़म के बादल
ग़म के बादल ………….
इस क़दर छाये हैं ज़िन्दगी पर
जो हाथ थाम ले ………..
ऐसा कोई खुदा नहीं मिलता
शायर : सर्वजीत सिंह
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वाह सर्वजीत जी ………क्या खूब अंदाज ऐ बयाँ है आपका !!
गुस्ताखी माफ़ हो, आपके शेर के प्रत्युत्तर में दो पक्तिया जोड़ना चाहूंगा !!
हमने भी जिगर में ठानी,
जिंदगी से दो – दो हाथ करके रहेंगे,
हमे मालूम उसकी फितरत,
यंहा बिना मरे हुए किसी को स्वर्ग नही मिलता !!
बहुत बढ़िया निवतियाँ जी !
बहुत बहुत धन्यवाद !
बेहतरीन………………..
Thank you very much Sir.
Bahut bahut khub…….
Bahut Bahut Dhanyawad Savita Jee