हो जाने दो …….. ( ग़ज़ल )
अश्क नही ये गमो का सागर है इसे बह जाने दो
न रोको इन्हे तुम आजा पानी पानी हो जाने दो !
कैसे गुजरते पल जुदाई के अगर जानते हो तो
लगा लो सीने से अरमान दिल के पूरे हो जाने दो
संग में बीती यादों का गुजरा एक लम्हा हूँ मैं,
इस पल को भी जिंदगी का हसीं पल हो जाने दो !
चाहे तो रख ले समेटे कर या गुजर जाने दे मुझे,
या करके बेरुखी हमसे टूटकर चूर चूर हो जाने दो !
चाहत है के बन जाऊं मै तेरे होंठो की मुस्कान
हसरत इस दिल की ये भी परवान हो जाने दो !
तेरी हर ख़ुशी हर गम का राज मैं तेरे आंसू भी हूँ
दूर जाना है मुश्किल,शामिल तुम में हो जाने दो !
न रहे गिला शिकवा बाकी जिंदगी से “धर्म” को कोई
मिलके हर हसरत आज इस दिल की पूरी हो जाने दो !!
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डी. के. निवातियां[email protected]@@
बहुत सुन्दर रचना है
धन्यवाद हितेश जी !!
वाह्ह्ह्ह्ह्ह
दिल छू लिया
बहुत बहुत धन्यवाद आपका देवेन्द्र जी !
बेहतरीन रचना निवातिया जी
धन्यवाद शिशिर जी !
सुंदर प्रस्तुति निवातिया जी ।
धन्यवाद राजकुमार जी !
Gaaaaajab ki baat…….
रचना नजर करने के लिए धन्यवाद सविता जी !
सुन्दर शब्दों से पिरोई गयी ग़ज़ल ‘निवातियां’ जी।
तहदिल से शुक्रिया बृजेन्द्र साहब आपका !!
बेहद ही खूबसूरत………
तहदिल से शुक्रिया बब्बू जी आपका !!