दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
इतने किये हैं बेवफा ने
कि ज़िन्दगी निकल गई
उन्हें उठाते हुए …………
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
इतने किये हैं बेवफा ने
कि ज़िन्दगी निकल गई
उन्हें उठाते हुए …………
शायर : सर्वजीत सिंह
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वाह किसी को ना भूल पाने का क्या सुन्दर चित्रण किया है आपने सर्वजीत.
बहुत बहुत धन्यवाद मधुकर जी !
प्रेम की अमिट छाप को बड़ी खूबसूरती से पेश किया आपने …लाजबाब सर्वजीत जी !!
बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ जी !