Homeदेवेन्द्र प्रताप सिंह 'आग'आँगन में आँगन में कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह "आग" देवेन्द्र प्रताप सिंह 'आग' 15/03/2016 No Comments ——–लोकतन्त्र के आँगन में——— शशि की शीतलता थी रवि की धूप खिली थी आँगन में जाति धर्म की हँसती गाती हरियाली थी आँगन में पर ये राजनीति की चालों का कैसा पतझड़ आया आरक्षण ने आग लगा दी लोकतन्त्र के आँगन में Tweet Pin It Related Posts आज़ाद आतंकी की जाने, गुंडे की परिभाषा भूल गया वेलेंटाइन डे About The Author "आग"