ज़ुबाँ
आँखें भी मोहब्बत में
ज़ुबाँ का काम करती हैं ……..
पर आँख ही लग जाये तो
मोहब्बत क्या ख़ाक करेंगे …….
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
ज़ुबाँ
आँखें भी मोहब्बत में
ज़ुबाँ का काम करती हैं ……..
पर आँख ही लग जाये तो
मोहब्बत क्या ख़ाक करेंगे …….
शायर : सर्वजीत सिंह
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सर्वजीत मुहब्बत क्या ख़ाक करेंगे या बातें/गुफ्तगूं क्या ख़ाक करेंगे क्या ज्यादा उचित रहेगा. विचार कीजियेगा.
Sir, Thank you very much for the suggestion. बहुत अच्छा लगा पर सर मोहब्बत देखने से भी होती है, सिर्फ साथ बैठे रहने से भी होती है, बातें करने से भी होती, किसको याद करने में भी मोहब्बत होती है! यहाँ पर देखने के संदर्भ में ये बात कही गयी है ! कभी-कभी दिल करता है की कोई तुम्हारे सामने बैठा रहे और बस तुम उसे देखते ही रहो!