आँसूं
हम आँसूं बहाते रहे
और वो खुशियाँ खरीदते रहे
लगता है हमारे आँसू
इतने अनमोल हो गए हैं
कि हर चीज़ खरीद सकते हैं
पर अफ़सोस वो ना खरीद सके
जिसके लिए हम आँसू बहाते रहे
लेखिका : अरिता सर्वजीत
[email protected]
आँसूं
हम आँसूं बहाते रहे
और वो खुशियाँ खरीदते रहे
लगता है हमारे आँसू
इतने अनमोल हो गए हैं
कि हर चीज़ खरीद सकते हैं
पर अफ़सोस वो ना खरीद सके
जिसके लिए हम आँसू बहाते रहे
लेखिका : अरिता सर्वजीत
[email protected]
प्यार कभी खरीदा नहीं जा सकता बहुत ही खूबसूरत तरीके से कहा है.
बहुत बहुत धन्यवाद मधुकर जी !
अति सुन्दर सर्वजीत जी ……..!!
बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ जी !
सुन्दर रचना सर्वजीत जी …