तारीफ़
हुस्न की तारीफ करना
कोई जुर्म तो नहीं
फिर क्यूँ कफा हो गए …….
जो किया ज़िक्र आपका मैनें
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
तारीफ़
हुस्न की तारीफ करना
कोई जुर्म तो नहीं
फिर क्यूँ कफा हो गए …….
जो किया ज़िक्र आपका मैनें
शायर : सर्वजीत सिंह
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बीबियों, रकीबों और मगरूर हुस्न की नज़र में तो ये खता ही है सर्वजीत.
बहुत बहुत धन्यवाद !
हुस्न तारीफ़ मांगता है मगर सिर्फ अपने इश्क से ….वरना tàआरिफ भी सजा बन जाती है !
बहुत बहुत धन्यवाद !