दूरदर्शन पर प्रसारित हुई हमारी सीरियल दिल से दूर दिल के पास का एक गीत आपकी नज़र
दिल से दूर दिल के पास
तेरा मेरा ये रिश्ता है अब तो जीवन भर का साथ
फिर भी हैं हम ईक दूजे के दिल से दूर दिल के पास
प्यार का सौदा होता नहीं है, प्यार तो है बस ईक पूजा
मन मंदिर में बसा हो कोई, रह ना सके फिर कोई दूजा
दिल जो तोड़े होता नहीं है दर्द का उसे अहसास
दिल से दूर दिल के पास
किस्मत में जो लिखा हुआ है ईश्वर ही उसे जाने
अनचाहे रिश्तों में बांधे कुछ अपने कुछ बेगाने
कोई समझ ना पाया है ये कैसा कुदरत का इन्साफ
दिल से दूर दिल के पास
कोई तो अपना ऐसा हो जो दिल की बात को वो जाने
दर्द तो देने वाले बहुत हैं पर कोई उसे पहचाने
दिल की तमन्ना दिल में रह गयी बनके मेरा हसीन ख़्वाब
दिल से दूर दिल के पास
दिल की दुनिया बस ही ना पाई दोषी किसे हम ठहरायें
दर्द जो दिल का मुझको मिला है जा के किसे हम दिखलायें
जाने ने ना कोई इस दुनिया में क्या औरत के हैं जज़्बात
दिल से दूर दिल के पास
रौनक घर की होते हैं ये क्या लड़की और क्या लड़के
मात – पिता के सीने में तो बच्चों का ही दिल धड़के
हाय ये दुनिया क्यूँ करती हैं दिल दुखाने की बात
दिल से दूर दिल के पास
गीतकार : सर्वजीत सिंह
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सुन्दर गीत सर्वजीत जी. यह तो आपने कहा पहले ही मशहूर हो गया है.
आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार !
बहुत उम्दा गीत है सर्वजीत जी ….कार्यक्रम के प्रसारण के बारे में भी बता दीजिये !
बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ जी, कार्यक्रम दूरदर्शन के प्राइम टाइम रात ८.३० बजे डी डी नेशनल पर प्रसारित होता था और बहुत पसंद किया गया! इसके मुख्य कलाकार थे अक्षय आनंद, पंकज बेरी, पृथ्वी जुत्शी, बीना, विनीता ठाकुर, राजेश पूरी इत्यादी ! निर्माता एवं निर्देशक अरिता सर्वजीत और सर्वजीत सिंह, गीत – सर्वजीत सिंह, संगीत – ललित सेन !
शुक्रिया सर्वजीत जी …. आने वाले कार्यक्रम से भी अवगत कीजियेगा जिससे हम भी लुफ्त उठा सके आपकी कला कौशल का !!
sir अगर आप हमारे हिन्दी साहित्य whatsup group को join करें तो खुशी होंगी !
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