याद आऊगाँ तुम्हें भुला न पाओगी
मैं अगर रोता हूँ तुम मुस्कुरा ना पाओगी
कर दिये जो हिसाब चुकता तो ये कहो
दिल जो तुमने रख लिया लौटा पाओगी
कस्में, वादे, वफा जो थे सो थे अब
मेरी मायूस जिन्दगी को फिर हसाँ पाओगी
जिसको जरिया वनाकर मुझसे वाते करती थी
उस चाँद से अब नजरे मिला पाओगी
करवटें बदलता हूँ शबभर तुम भी बदलती होगी
आँखो से दूर है नींदें फिर से लौटा पाओगी
बहुत अच्छा लिखा है आपने