मैं अर्धांगिनी
तेरी जीवन संगनी
हर पल तेरे साथ रहूँगी
साथ जीऊँगी साथ मरूँगी
सात फेरे लिए
सात वचन दिए
सात जन्म तक साथ निभाऊंगी
तेरी हर विपदा ,मैं
अपने ऊपर चढ़ाऊँगी
धीरता स्थिरता स्वीकार करो
संग मिल भवसागर पार करो
यु मन छोटा न करो
मेरा मन खोटा न करो
मैं अर्धांगिनी
तेरी जीवन संगनी।
नरेंद्र जी अच्छा लिखा है आपने अर्धांगिनी की महत्ता पर
सराहने के लिए धन्यवाद
अर्धांग्नी की दृढ प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करते अच्छे भाव…. मगर यही प्रतिबद्धता पुरुष की और से भी होनी चाहिए !!
जी बिलकुल आपने सही कहा है