Homeअज्ञात कवि“मुजे वो हिन्दुस्तान मिल जाये” “मुजे वो हिन्दुस्तान मिल जाये” एझाझ अहमद अज्ञात कवि 23/02/2016 5 Comments जिस के पास भी मांगु गीता और कुरान मिल जाये । मिल जुल कर रेहना हैं सबका ये ख्याल मिल जाये । ना कोई ईसाई ,ना कोई हिन्दू ,ना कोई मुसलमान हो ; जहा सिर्फ हिन्दुस्तानी हो मुजे वो हिन्दुस्तान मिल जाये । -एझाझ अहमद Tweet Pin It Related Posts बेटी प्रभु श्री राम – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा – बिन्दु एक औरत जो लड़की थी About The Author एझाझ अहमद 5 Comments निवातियाँ डी. के. 23/02/2016 अति सुन्दर प्रशंशा में बस इतना कहूँगा :- सम्भल जाये अगर लोग, ऐसा कर जो दिखलाये फिर देखो हिंस्दुस्तान दुनिया का सरताज़ कहलाये !! Reply Shishir "Madhukar" 23/02/2016 बहुत सुन्दर भाव जिनकी आज सारे देश को ज़रूरत हैं. Reply Azaz Ahmad 23/02/2016 sahi Kaha Shishir ji.. Reply ASHISH KUMAR SRIVASTAVA 26/02/2016 kya bat hai bahut khub -hindustan mil jaye…… Reply mangala 01/03/2016 चार वाक्यों में कितना कुछ बयान कर दिया आपने…आपके खयालों में गहराई भी है और सादगी भी… Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
अति सुन्दर प्रशंशा में बस इतना कहूँगा :-
सम्भल जाये अगर लोग, ऐसा कर जो दिखलाये
फिर देखो हिंस्दुस्तान दुनिया का सरताज़ कहलाये !!
बहुत सुन्दर भाव जिनकी आज सारे देश को ज़रूरत हैं.
sahi Kaha Shishir ji..
kya bat hai bahut khub -hindustan mil jaye……
चार वाक्यों में कितना कुछ बयान कर दिया आपने…आपके खयालों में गहराई भी है और सादगी भी…