कहते सुना है लोगो से
क्या लाये थे क्या ले जाओगे
खाली हाथ आये थे खाली जाओगे !
हमने तो जिंदगी में
इसके उलट देखा है
खाली हाथ आते है सभी
बहुत कुछ संग ले जाते है !
कोई सत्य को साथ ले जाता है
किसी के संग बुराई अपार जाती है !
कोई पुण्य की कमाई ले जाता है
पाप का ताज सर सजाकर जाता है !
माना के सम्पति धन दौलत
सब यही धरा रह जाता है !
मगर करके पुण्य कर्म
स्वंय को जमी पे अमर कर जाता !!
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@___डी. के निवातियाँ[email protected]
बहुत खूबसूरत जीवन दर्शन समेटें रचना
धन्यवाद शिशिर जी !!
सुन्दर रचना निवतिया जी ..
धन्यवाद ओमेन्द्र जी !!
आप की कमाल करने की आदत बचपन से ही लगती है मुझे तो….कमाल है रचना में आने जाने के चकर को इतना सादगी पर बेहतरीन ढंग से पेश करने का…
बब्बू जी नमन है आपकी विचारमग्नता को …………जिस सिद्दत से आप रचना को नजर करते है कोई सच्चा सहित्य प्रेमी ही हो सकता है ………….!! कोटि कोटि धन्यवाद आपका …. इसी तरह नजरे इनायत बनाये रखियेगा