“शर्मिंदा हुआ
हो कलंकित आज
गुरु सा शब्द |
बने आतंकी
गुरु जिस देश में
ऐसा भारत |
करते पूजा
अफजल का लोग
है आतंकी वो |
कहते गुरु
आतंकी को जो देश
ऐसा भारत |
धन्य है लोग
सब भारतवासी
छुपे रुस्तम |
पाले गद्दार
घरों में ये अपने
ऐसा भारत |
कहे आतंकी
पाकिस्तान को लोग
अब क्या कहे ||”
आपके मन का दुख दिखता है रचना मे
प्रतिक्रिया एवं सराहना के लिए धन्यवाद शिशिर जी ..अफजल जैसे आतंकियों को हमारे राजनेताओं द्वारा “गुरु जी ” इस तरह का सम्बोधन देना कितना दुर्भग्यपूर्ण है ..शायद आज हम गुरु शब्द की महिमा को खो चुके है और हमारे जीवन में गुरु के क्या स्थान होता है हम उसे भी भुला चुके है ..आतंकियों को इस तरह का सम्बोधन “गुरु ” शब्द की महिमा को कलंकित करता है ..
बदलते परिवेश पर सुन्दर कटाक्ष !!
धन्यवाद निवतिया जी ..