टूटा ज़ो मेरा ख़्वाब तो,
आईना बना दिया!
ज़लता हुआ चिराग़ था,
हँस कर बुझा दिया!
उनकी ज़िन्दगी की ख़ातिर,
ख़ुशियाँ लुटा दिया!!
टूटा ज़ो मेरा ख़्वाब तो,
आईना बना दिया!
रोते हुए लोगों को,
हँसना सिखा दिया!
लोगों ने ग़म दिया,
पर हर ग़म भुला दिया!!
टूटा ज़ो मेरा ख़्वाब तो,
आईना बना दिया!
उजड़ी बस्तियों को,
खूबसूरत महल बना दिया!
नफ़रत जहाँ भी फ़ैली थी,
मोहब्बत फैला दिया!!
टूटा ज़ो मेरा ख़्वाब तो,
आईना बना दिया!
अति सुन्दर …………..!!