कहते हैं आजकल फागों का मौसम है !
सरसों के फूलों का ,
बागों का मौसम है ,
खेतों , खलिहानों में ,
जागों का मौसम है ,
कहते हैं आजकल फागों का मौसम है !
दिलों में पनपते ,
अनुरागों का मौसम है ,
फूलों में महकते ,
परागों का मौसम है ,
कहते हैं आजकल फागों का मौसम है !
शमा के परवाने ,
चिरागों का मौसम है ,
पलाशों के जंगल में ,
आगों का मौसम है ,
कहते हैं आजकल फागों का मौसम है !
कोयलिया के पंचम ,
रागों का मौसम है ,
कृष्णा की वंशी ,
सुभागों का मौसम है ,
कहते हैं आजकल फागों का मौसम है !!
दीपिका शर्मा
अति सुन्दर प्राकृतिक एवं भावनात्मक श्रृंगार रचना.
प्राकृतिक सौंदर्य का भावनात्मक चित्रण … बहुत अच्छे !!
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
प्रकृति के मौसम की अति सुन्दरता से चित्रण किए हैं….