Homeअज्ञात कविनफरत…..(रै कबीर) नफरत…..(रै कबीर) रै कबीर अज्ञात कवि 31/01/2016 No Comments नफरत हूँ गुरूर तो होगा मेरा डर जरूर तो होगा बेवजह उम्मीद लगाते हो क्यों आई जहन में मैं कुछ ना कुछ कुसूर तो होगा ।। ( रै कबीर) Tweet Pin It Related Posts निर्भरता – बी पी शर्मा बिन्दु “ग़ांधी के बंदर” बसंत – मधु तिवारी About The Author रै कबीर Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.