Homeकमल जोशीतृप्ति तृप्ति K K JOSHI कमल जोशी 30/01/2016 1 Comment तृप्ति मिलेगी हृदय को अगर तुम न समझो इसे मात्र मेरी एक कविता यदि तुम समझोगी इसे अपने हृदय में मेरे प्रेम की स्वच्छंद सरिता तो निश्चित ही तुम्हारे हृदय में उभर आयेगी एक तरनि तनुजा जिसमें खिला करेंगे प्रेम के कमल। …….. कमल जोशी ……. Tweet Pin It Related Posts ऐसा जहां हम बनाये मैं और वह पल पाठशाला About The Author K K JOSHI One Response Shishir 30/01/2016 अति सुन्दर……………………. Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
अति सुन्दर…………………….