प्यार करना माना है नहीं ,
प्यार निभाने तो आना चाहिए।
जिसे कहते हैं लोग अंधा प्यार
वह है एक चढ़ता बुखार ,
समय आते उतड़ जाए
फिर लोग ले मुह बनाए।
प्यार करना माना है नहीं ,
प्यार निभाने तो आना चाहिए।
जिसे समाज की परवाह नहीं
प्रशासन भी जिसके साथ नहीं ,
एक दूजे का जो ले लेते हैं जान
इसका क्या दें हम नाम।
प्यार करना माना है नहीं ,
प्यार निभाने तो आना चाहिए।
जिसकी हो बुनियाद झूठ पर
जिसे भरोसा नहीं है खुद पर ,
इसे प्यार कहें या कहें आकर्षण
जो सह सके न थोड़ा घर्षण।
प्यार करना माना है नहीं ,
प्यार निभाने तो आना चाहिए।
जो पढाई और उन्नति में हो बाधा
जिसकी तन्हाई में भी न हो पाता ,
जिसके लिए दिल में न हो कोई आशा
उसका क्या करें भरोसा।
प्यार करना माना है नहीं ,
प्यार निभाने तो आना चाहिए।
प्यारे प्यार में पागल न होना
प्यार के उपमा हैं राधा कृष्णा ,
प्यार को प्यार रहने दो
इसको न बनाओ तृष्णा।
प्यार करना माना है नहीं ,
प्यार निभाने तो आना चाहिए।
अति उत्तम
सत्य वचन
बहुत-बहुत धन्यवाद पसंद करने के लिए।