रब मुझे वो शक्ति ना दे
मेरे प्यार को पा लूँ
रब मुझे वो सुंदरता ना दे
सारे संसार को खरीद लूँ
रब मुझे वो धन ना दे
मेरे अपनों को दूर कर लूँ
रब मुझे वो अहंकार ना दे
किसी आँखों से आँसू निकालूँ
रब मुझे वो कठोरता ना दे
दे तो बस मुझे इतना दे
मेरे तिरंगे की शान कभी मिटने ना दे
जय हिन्द जय हिन्द के नारे
मेरे कानों में गूंजते ही रहे, गूंजते ही रहे
– काजल / अर्चना
एक शिक्षिका के रूप में बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति पेश की है अर्चना जी ….. बहुत अच्छे !!
बहुत बहुत धन्यवाद आप का जो मेरी इन कविताओं में दिलचस्पी दिखा रहे है
Very nice patriotic feelings
बहुत बहुत धन्यवाद आप का जो मेरी इन कविताओं में दिलचस्पी दिखा रहे है