Homeसंजय कुमार मौर्यदर्पन मत देखो दर्पन मत देखो sanjay kumar maurya संजय कुमार मौर्य 25/01/2016 No Comments नहीं तुम दर्पन मत देखो मुझे पता है दर्पन चाहता है तुम्हे देखना वह देख लेगा तुमको स्वयं में उतारकर बस एक बार निहारकर एकदम वैसे ही जैसे तुम्हे देखना चाहता हूं अकेले में प्रेम में छलकती आंखों से जहां हम हों और तुम हो दूजा कोई नहीं सिवाय प्रकृति के। Tweet Pin It Related Posts एक मंंजिल दो रास्ते अपराध………… क्या मिला About The Author sanjay kumar maurya Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.