Homeअशोक अंजुमवक़्त जीवन में ऐसा न आये कभी वक़्त जीवन में ऐसा न आये कभी शुभाष अशोक अंजुम 25/02/2012 No Comments वक़्त जीवन में ऐसा न आये कभी ख़त किसी के भी कोई जलाये कभी धुल है, धुंध है, शोर ही शोर है कोई मधुवन में बंसी बजाये कभी मेरी मासूमियत खो गई है कहीं काश बचपन मेरा लौट आये कभी जिसकी खातिर में लिखता रहा उम्र भर वो भी मेरी ग़ज़ल गुनगुनाये कभी Tweet Pin It Related Posts हौसला भी उड़ान देता है वो मुझको आँख भरकर ज़िन्दगी का ज़िन्दगी से वास्ता जिंदा रहे About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.