अपने जीवन में गर तुम इन बातों को सदा अपनाओगे
तो निश्चित ही अपने भारत के बुद्धिजीवी कहलाओगे
सबसे पहले हिन्दू मत का सीधा सीधा अपमान करो
सभी लुटेरे आतताइयों का हरदम तुम गुणगान करो
बात करो दलितों पिछड़ों की पर छूके उन्हें स्नान करो
सरकारी पैसों पर घूमों और बड़े होटलों में आराम करो
जो विकास की बात करे उसकी जान के पीछे पड़ जाओ
देश को भीतर से तोड़ो और नक्सलवाद को अपनाओ
बात करो बस रूस चीन की और सदा इंग्लिश बोलो
नाम कला का लेलेकर खुलकर खेल नग्न्ता के खेलो
राजनितिक आकाओं के आदेशों पर तुम काम करो
हितसाधन की खातिर जग में भारत को बदनाम करो
शिशिर “मधुकर”
Good satire, Shishir ji
आभार बिमला जी …………
behtarin VYANG hai aisa hi ho raha hai tabhi to desh ka ye hal hai ,
सलीम जी आपके उत्साहवर्धन का शुक्रिया
यथार्थ से परिपूर्ण सुंदर कटाक्ष !!
धन्यवाद निवतिया जी
वर्तमान हलातो को दर्शाती ………!
बहुत अच्छी रचना !!
आपकी तारीफ का शुक्रिया अस्मा
बहुत अच्छे ,आज के समय का अच्छा विश्लेषण किया है आपने,
रचना पढ़ने और प्रतिक्रिया देने के लिए किरण जी आपका आभार.