कर्म से जीवन सभी का है तरा तुम देख लेना ।।
हौंसलो की उड़ानों को जरा तुम देख लेना ।।
रास्तों के ही बिना जो कल्पनाओं में बढ़ें हैं ।।
मिल नही पाती हक़ीक़त की धरा तुम देख लेना ।।
रकमिश सुल्तानपुरी
भदैयां ,
जिला-सुल्तानपुर ,
उत्तर प्रदेश ,
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कॉन्टेक्ट~ ,
9125562266 ,
रूचि-
हिंदी साहित्य ,
कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।,