मेरी बेटी है तू,धन की पेटी पेटी है तू !
अपने मम्मी के गोदी मे लेटी है तू !
मेरी बेटी है तू……..
परी नटखट बडी नखरे वाली मेरी
तू है तो जगमग दिवाली मेरी ,
इतनी प्यारी है तू , बडी न्यारी लगे !
नन्हे हाथों से खुशियाँ समेटी है तू !!
मेरी बेटी है तू…..
तेरे आने की आहट थी पावन घडी
जब से आई मेरे घर की रौनक बढी ,
सारे अरमान अब जैसे पूरे हुए !
हरपल मेरी दुआ मे होती है तू !!
मेरी बेटी है तू……..
हाथों के झूलो मे वर्षों झुलाया तुझे
अपने कन्धे बिठा कर घुमाया तुझे !
लाख मन्नत रखी सालों साल जिए !
चाँद सूरज की पावन ज्योति है तू !!
मेरी बेटी है तू…….
” मेरी बेटी के जन्मदिन पर उसे समर्पित ये गीत “
ye kavita aachhi h . is kavita me aapne beti ki pahechan h…..
so,very nic poem!
सुक्रिया जुबेर जी