Homeराम केश मिश्रहाईकू।बना मज़ाक। हाईकू।बना मज़ाक। रकमिश सुल्तानपुरी राम केश मिश्र 25/12/2015 No Comments हाइकू।बना मज़ाक। आयी ठण्डक कांपती गरीबता बना मज़ाक जले गरीब तापती महँगाई बढ़ती ठण्ड कुहरा धुंध झांकते दरवाज़े सहमे तन रेंगता मित्र ओढ़कर बादल पश्चिम दिशा रुकी है शाम सुबह के ही घर प्रकृति इच्छा @राम केश मिश्र Tweet Pin It Related Posts डर ।।कविता।।दो दिन बाद।। ।।गजल।।दिल को जलाने के लिये।। About The Author "रक" रकमिश सुल्तानपुरी भदैयां , जिला-सुल्तानपुर , उत्तर प्रदेश , [email protected] कॉन्टेक्ट~ , 9125562266 , रूचि- हिंदी साहित्य , कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।, Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.