Homeअज्ञात कविइन्सानियत का मतलब इन्सानियत का मतलब गोपू चार्ली अज्ञात कवि 23/12/2015 2 Comments मजहब बदलने से इन्सान नहीँ बदलते, कट्टरता से मोहब्बतोँ के पैगाम नहीँ बदलते, धर्म की दीवारेँ गिरा इन्सानियत के घर आना सिर्फ, मन्दिरोँ मेँ बैठने से कर्मोँ के अन्जाम नहीँ बदलते। Tweet Pin It Related Posts इक्कीसवी सदी -कचरे में रोटी ढूंढते हाथ – अनु महेश्वरी शब्द (प्रदीप शर्मा) ” माँ “……… काजल सोनी About The Author गोपू चार्ली 2 Comments Er. Anuj Tiwari"Indwar" 24/12/2015 हिन्दी साहित्य whats up ग्रुप मे आपका स्वागत है.!!!!! For joining give me your mob. No. My no-९१५८६८८४१८ Reply गोपू चार्ली 24/12/2015 धन्यवाद सर, लेकिन मैँ WHATAPP नहीँ USE करता हूँ। Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
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धन्यवाद सर, लेकिन मैँ WHATAPP नहीँ USE करता हूँ।