उम्र कोई भी हो लोगों की,
लड़की देखते ही शुरू हो ज़ाते हैं।
दिल से तमन्ना नहीं होती घर तक छोड़ने की,
पर होंठो से इसी बात की गुज़ारिश करते हैं।।
नियत गंदी होती है पर ज़ाहिर नहीं करते,
बस किसी सूनसान ज़गह की उम्मीद रखते हैं।
इन लोगों की भी तो माँ बहनें होती होंगी,
फ़िर भी ना ज़ाने ज़ेहन में क्यों ऐसी ख़्वाहिश रखते हैं।।
उम्र कोई भी हो लोगों की,
लड़की देखते ही शुरू हो ज़ाते हैं।