माना की तेरी हर बात सही होती है मोबीन।
पर जरुरी नहीं की हर शख्स उसे पसंद करे।।
लोगों की अपनी भी मजबूरियां होती हैं।
सरेआम तेरी बातों में कैसे कोई हामी भरे।।
तेरी बातों का लोगों के दिल पर असर होता होगा।
पर कोई कैसे अपने ज़ज़्बात का इज़हार आम करे।।
माना की तेरी हर बात सही होती है मोबीन।
पर ज़रूरी नहीं की हर शख़्स उसे पसंद करे।।
वक़्त आएगा ज़ब हर कोई सच का साथ देगा।
पर मोबीन कब तक उस वक़्त का इंतज़ार करे।।
इतनी मुश्किल नहीं है ज़िन्दगी गुलज़ार करना।
बस एक बार हर शख़्स ख़ुद से बात करे।।
माना की तेरी हर बात सही होती है मोबीन।
पर ज़रूरी नहीं की हर शख़्स उसे पसंद करे।।
कमाल की रचना है ये आपकी।। ऐसे ही लिखते रहिए।।