नमन है तुमकों वीर सपूतों,
कर रहे सुरक्षा तुम सरहदों की,
जमे हुए हो तुम तूफानों में आँधी में,
पर्वतों की तरह……..
हौसले हैं तुम्हारे आसमानों से ऊँचे,
संकल्प है तुम्हारा द्रढ़ चट्टानों की तरह, डटे हुए हो तुम सरहदों पर,
हिमालय की तरह……
नमन है तुमको वीर सपूतो
कर रहे सुरक्षा तुम सरहदो की……………!
सैनिको के प्रति अगाढ़ निष्ठा सर्वदा हृदय को गौरान्वित करती करती है ! बहुत अच्छे आशिमा !!
धन्यवाद “निवातियाँ जी”
आपको कविता पसंद आई !!…