Homeघनानंदराधा नवेली सहेली समाज में राधा नवेली सहेली समाज में शुभाष घनानंद 25/02/2012 No Comments राधा नवेली सहेली समाज में, होरी कौ साज सजें अतो सोहै । मोहन छैल खिलार तहाँ रस-प्यास भरी अँखियान सों जोहै ॥ डीठि मिलें, मुरि पीठि दई, हिय-हेत की बात सकै कहि कोहै । सैनन ही बरस्यौ ’घनआनँद’, भीजनि पै रँग-रीझनि मोहै ॥ Tweet Pin It Related Posts सोंधे की बास उसासहि रोकति अरी निसि नींद न आवै बरसै तरसै सरसै अरसै न् About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.