Homeराम केश मिश्रपिरामिड।तन के प्रति। पिरामिड।तन के प्रति। रकमिश सुल्तानपुरी राम केश मिश्र 08/12/2015 2 Comments हे तन ममता परित्याग जीवन भर जीवन के बाद सब जाता बिखर । तो मत भरना हृदय में दुख़द भाव किसी के मन में भरो नेह प्रभाव @राम केश मिश्र Tweet Pin It Related Posts ।।एक दिन।। ।।कविता।।होली में।। ग़ज़ल गीत.हर कोई इंसान था. About The Author "रक" रकमिश सुल्तानपुरी भदैयां , जिला-सुल्तानपुर , उत्तर प्रदेश , [email protected] कॉन्टेक्ट~ , 9125562266 , रूचि- हिंदी साहित्य , कविता,ग़ज़ल, हाइकू, नयी कविता गजल गीत आदि ।।, 2 Comments निवातियाँ डी. के. 08/12/2015 अति सुन्दर …………….!! Reply Anuj Tiwari "Indwar" 08/12/2015 Very nice…………RK Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
अति सुन्दर …………….!!
Very nice…………RK