Homeअर्चना जेहोले से होले से kajal अर्चना जे 07/12/2015 2 Comments मेरी चूड़ी जब खनकती खनक में मधम सी तेरी आवाज़ आती पलकें जो होले से झुकती तस्वीर तेरी नज़र आती होंठो पर मीठी मुस्कान आती मधुर याद तेरी ही लाती कलम जब झूम झूम चलती तेरे नाम के अलावा कुछ और ना लिख पाती – काजल / अर्चना Tweet Pin It Related Posts दे तो ये दे ( जो सच्चे देश भक्त है जरूर पढ़े ) दूल्हा आगे मिलेगा जरा रुक….. About The Author kajal मैं एक हिंदी शिक्षिका हूँ / Santinos Global School, Meerpet में हिंदी पढ़ाती हूँ | 2 Comments Shishir "Madhukar" 07/12/2015 स्त्री के प्रेम प्रदर्शन को शब्दोंमें पिरोती अच्छी रचना Reply निवातियाँ डी. के. 07/12/2015 प्रेम वशीभूत का सुन्दर उदहारण !! Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
स्त्री के प्रेम प्रदर्शन को शब्दोंमें पिरोती अच्छी रचना
प्रेम वशीभूत का सुन्दर उदहारण !!