Homeघनानंदक्यों हँसि हेरि हियरा क्यों हँसि हेरि हियरा शुभाष घनानंद 25/02/2012 No Comments क्यों हँसि हेरि हियरा अरू क्यौं हित कै चित चाह बढ़ाई। काहे कौं बालि सुधासने बैननि चैननि मैननि सैन चढ़ाई। सौ सुधि मो हिय मैं घन-आनँद सालति क्यौं हूँ कढ़ै न कढ़ाई। मीत सुजान अनीत की पाटी इते पै न जानियै कौनै पढ़ाई।। 11 ।। Tweet Pin It Related Posts राधा नवेली सहेली समाज में प्रीतम सुजान मेरे हित के बरसै तरसै सरसै अरसै न् About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.