दुनिया के फूल
नाम हो तेरे
रहो का काँटा
सामने बिछ जाए मेरे
फूलों कि दुनिया में
तेरा आगमन हो
सुरज को विदा कर
चाँद के साथ
अपनी शाम की चाय हो
तूभी मुस्कुराते खिल उठे
फुलो को चूमते
अपनी खुशी का इज़हार करें
दुनिया की सारी दुआओं को
एक एक माँगकर
फूलो के सामने बह रहे झरनों को तुझे को
तुझे प्रदान करूँ
जब कभी तूं झरने को देखे
मेरी याद में हर बार
एक आँसू कि बूँद देकर
झरना को एक बूँद बढा दे
फूलों की रंग बिरंगी ख़ुशबू
तेरे मकान जैसे महल में घुसकर
तेरे होटो के ऊपर
नाको को छूकर
अपनी ख़ुशबू छोड़ते गुजरे
दुआओं के भंडार में मेरी एक ये दुवा
कैद हो
पहल तुझे लग जाए
लेखक : रोशन झा ( ROsHaN jHA )
आज हमने किया इजहार ,
उसने कर दिया हमें इंकार। .
हमें बुरा लगा नहीं इस बात का
क्यूंकि उसने कहना ” मै उसका दोस्त हूँ ,
और सुना है।
दोस्ती से ही शुरू होता है प्यार।
उसने कहा ” मैं बहुत अच्छा यार हूँ।
हा। मैंने भी कहा :- यारी दोस्ती के लिए मै भी तयार हूँ।
आशा है बात अब आगे बढ़ेगी ,
आँखे हमारी फिर से लड़ेगी।
यार दिल से मेरी कल रात बात हुई ,
कह रहा था ,करदे अपने प्यार का इजहार ,
मैंने पूछा कैसे करूँ यार।
दिल ने कहा :- अगर करता है उससे प्यार तो दर मत ,
जुदा होने का इंतज़ार कर मत ,
कहीं हमेशा के लिए वो अलग हो जाये।
तू भी कहीं कुछ कहे न पाये ,
दिल की बात दिल में रहे न जाये ,
फिर मैंने कहा :- कैसे कहूँ आसान नहीं है ,
अब इस पागल दिल को कौन समझाये
दिल ने कहा :- साले , उसके आने पर मुझे धड़कना पड़ता है। और
तू मुझसे लड़ता है।
मैंने कहा ;- चल ठीक है एक दिन उसका दिल भी बेटेड दूंगा
जो दिल की बात है तो बता दूंगा
ALOK UPADHYAY