ठण्ड में शाम जल्दी ही रात का कंबल
ओढ़े लेती है
सूरज भी अपने आप को स्वेटर में लपेट लेता है
हम भी आग से चिपक कर
गरमाहट को महशूस करते है
ठण्ड की सुबह-शाम अलसाई सी नज़र आती है
दोपहर की धूप पूछो मत महबूबा सी नज़र आती है
बैठ साथ उसके दिन पलभर में गुजर जाता है
फिर शाम जल्दी से रात का कंबल
ओढ़े लेती है
ठंड के मौसम का सुहावना वर्णन किया है रिंकी जी आपने !!…
Thanks Asma for your appreciation.
Very nice description of winter noon Rinki
Thanks for appriciation