Homeघनानंदअति सूधो सनेह को मारग है अति सूधो सनेह को मारग है शुभाष घनानंद 25/02/2012 No Comments अति सूधो सनेह को मारग है जहाँ नेकु सयानप बाँक नहीं। तहाँ साँचे चलैं तजि आपनपौ झिझकैं कपटी जे निसाँक नहीं॥ घनआनंद प्यारे सुजान सुनौ यहाँ एक ते दूसरो आँक नहीं। तुम कौन धौं पाटी पढ़े हौ लला, मन लेहु पै देहु छटाँक नहीं॥ Tweet Pin It Related Posts घनआनँद प्यारे कहा जिय जारत प्रेम को महोदधि अपार कहाँ एतौ पानिप बिचारी पिचकारी धरै About The Author शुभाष Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.