होली है त्यौहार रंगों का , आओ तन मन रंग लें .
हो खुशियों की बौछार , आओ तन मन रंग लें.
सबका हो हर अरमान पूरा
ना सपना रहे अधूरा
जिसकी जितनी चाहत हो
उतना उसको मिल जाये
बस खुशियों की बारिस हो
और तन मन खिल जाये
प्यार प्यार बस प्यार रहे
सारी दुनिया के भीतर
और किसी भी भाव का
हो ना पाए असर
इस होली पर इसी भाव को
बस अपने मन में पालें
प्यार छोड़ कर बाकि सबको
होली संग जलालें
होली की जलती अग्नि
प्रेम की ज्योति जलाये
गेहूं की खिलती बालियाँ
नयी भोर को लाये
नई उमंग और नयी चेतना
दे होली की गर्मी
सद्भाव ह्रदय का गहना हो
बनें नहीं हठधर्मी
पुनः एक बार होली की
सबको मिले बधाई
खाओ और खिलाओ
प्रेम से खूब मिठाई
गंगा धर शर्मा “हिंदुस्तान