मेरी इज्जत , मेरी शोहरत , मेरी दौलत तिरंगा है |
बहे जो देश की खातिर ,लहू हर बूँद गंगा है |
मेरा गौरव है तुझसे माँ ,
तेरा अभिमान मुझसे है |
मेरी पहचान तुझसे है ,
तेरा एहसान मुझपे है ||
वतन भी खूब देखे है ,
नज़ारे खूब देखे है |
ध्वजाएं खूब देखी हैं ,
सितारे खूब देखे है ||
तिरंगा है अलग दिखता ,
कहीं भी हो खड़ा चाहे |
हिमालय पर विराजे हो ,
भले सागर किनारे हो ||
बसंती रंग बलिदानी ,
सफेदी शांति का साखी |
हरा खुशियों का परिचय है ,
दिवाली , ईद , वैशाखी ||
धर्म चक्र है शिव त्रिनेत्र सा ,
आत्मज्ञान के दीपक जैसा |
विश्व शांति की अमर पताका ,
तुमसे गर्वित भारत देशा |
तुमसे गर्वित भारत देशा ||
बहुत अच्छी कविता है आपकी सुशील जी !!!!..
thanks a lot……………
सुशील राष्ट्र धव्ज पर अच्छे भाव
देश प्रेम को दर्शाती अच्छी रचना !!